कांग्रेस शासन के 3 वर्ष पूरे होने पर जिला जिलों में आयोजित होने वाले प्रेस वार्ता के बिन्दु... विश्वासघात, बदहाली और निकम्मेपन के तीन साल...
छत्तीसगढ़ में तीन ऐसे काले अध्याय जैसे इससे पहले कभी नहीं
1. पुलिस विद्रोह : छत्तीसगढ़ क्या,भारत के इतिहास में आजतक ऐसा कभी नहीं हुआ जब एक साथ 14 सौ से अधिक संख्या में आरक्षी बलों ने अपने हथियार शासन को जमा करा दिए हों। धुर नक्सल प्रभावित बस्तर के बीजापुर जिले की यह शर्मनाक घटना है। दुखद यह है कि अपनी जायज मांगों के लिए परिवार सहित धरना दे रहेक्षआरक्षकों के परिवार की महिलाओं पर लाठी चार्ज कराया गया, उनसे दुर्व्यवहार किया गया जिसके विरोध में आरक्षकों को यह कदम उठाना पड़ा। भाजपा शासन में जिला कैडर बना कर आदिवासी युवाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा था, लेकिन कांग्रेस की तुगलकी नीति के कारण इस तरह छत्तीसगढ़ के माटीपुत्र आदिवासियों को अपमानित होना पड़ा। जब आज़ादी के बाद की ऐसी सबसे शर्मनाक घटना हुई उस समय भी सीएम भुपेश बघेल अन्य प्रदेशों की चुनावी यात्रा पर थे।

2. साम्प्रदायिक दंगे और कयूं : प्रदेश निर्माण से आजतक सांप्रदायिक दंगे और उसे शासकीय संरक्षण जैसी घटना छत्तीसगढ़ में कभी नहीं हुई थी. अविभाजित मध्य प्रदेश के ज़माने से लेकर आजतक तक दशकों तक कभी कयूं लगाने की नौबत नहीं आयी।अभी हुए दंगे में खुले तौर पर कांग्रेस के मंत्री/विधायक दंगाइयों का साथ देते रहे.सनातनियों को प्रताड़ित करते रहे।भगवा ध्वज को कुचला गया और मुख्यमंत्री का हाथ दंगाइयों के साथ रहा। धर्मातरण की भी ऐसी घटना कभी नहीं हुई जहां सुकमा एसपी और संभाग के कमिश्नर को आधिकारिक पत्र जारी कर अपने अमलों को चेताना पड़ा। खुलेमाम मिशनरियों ने संविधान जलाने की धमकी दी. शासन के मंत्री ने सार्वजानिक बयान दिया कि सम्प्रदाय के आधार पर रोहिंग्याओं को बसाया जा रहा है फिर भी शासन हाथ पर हाथ धरे बैठी रही।

3. षड्यंत्रकारी मुख्यमंत्री : सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने रिपोर्ट जारी कर कहा है कि मुख्यमंत्री बघेल और उनके सचिवालय के अधिकारी, न्यायिक अधिकारी और आरोपियों की मिलीभगत से आपराधिक मामले को कमजोर किया जा रहा है। इस तरह की शर्मनाक स्थिति भी इससे पहले कभी निर्मित नहीं हुई. ऐसा देश में भी शायद ही कभी देखने को मिला हो जहां साफ़ तौर पर चुना हुआ सीएम षड्यंत्र करते रंगे हाथ पकड़ा गया हो। इससे पहले भी मुख्यमंत्री अन्य षड्यंत्र के तहत अपने सलाहकारों समेत सीबीआई के चार्जशीटेड हैं। ऐसा इससे पहले कहीं नहीं हुआ।इन तमाम शर्मनाक मामलों के अलावा कांग्रेस की विफलताओं, विश्वासघातों की लम्बी सूची है।की बात किसानों से बड़े-बड़े वादे करके सत्ता में आयी कांग्रेस सरकार ने साफ़ तौर पर सदन में यह कहा है कि प्रदेश में किसानों की मृत्यु से संबंधित कोई भी आंकडें शासन के रिकॉर्ड में नहीं है. न ही उसने यहां असमय दिवंगत हुए किसानों को कोई भी मुआवजा दिया है। निंदनीय है कि अन्य प्रदेशों में किसान आन्दोलन में कथित तौर पर दिवंगत 700 किसानों का रिकॉर्ड कांग्रेस के पास है लेकिन अपने प्रदेश में ही दिवंगत हुए,आत्महत्या करने को मजबूर कर दिए किसानों को किसी तरह की मुआवजा तो जाने दें,उनके पास इसका रिकॉर्ड तक नहीं है।शर्मनाक यह है कि इसी सरकार ने पिछले सत्र में सदन में यह कहा था कि सिर्फ दस महीने में 141 किसानों ने आत्महत्या की। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ही छग में तीन साल में 5 सौ से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है। इसी कांग्रेस ने लखीमपुर में मारे गए किसानों को 50-50 लाख रूपये सभी को दे आयी लेकिन प्रदेश के किसानों के लिए इनके पास न पैसे हैं और न ही रिकॉर्ड, इसलिए क्योंकि वहां चुनाव है. रकबा कटौती,खाद बीज की कालाबाजरी,धान खरीदी में अव्यवस्था। विलम्ब से धान खरीदी जिसके कारण किसानों की फसलों का भारी नुकसान.सरकार की वादाखिलाफी का यह आलम है कि मंडी शुल्क माफ़ करने का वादा किया था कांग्रेस ने लेकिन अब डेढ़ गुना बढ़ा दिया गया है जिससे मंडी में किसानों की फसल दो सौ रूपये सस्ता हो गया. दाल और पोहा आदि पर मंडी शुल्क थोपने के कारण किसानों और उद्यमियों की कमर टूट गयी है. इसी तरह पूर्ण शराबबंदी का वादा किया और शराब की होम डिलीवरी शुरू कर दी. शहरों में लगातार प्रीमियम शराब की दुकानें खुल रही है. मादक पदार्थों की तस्करी का अड्डा बना दिया गया है यहां और इसमें कांग्रेस के लोग शामिल हैं।ऐसे विश्वासघातों की श्रृंखला स्थापित की है कांग्रेस ने बदहाल कानून-व्यवस्था : जबसे कांग्रेस की यह सरकार सत्ता में आयी है आम शहरियों के साथ-साथ समूचे छत्तीसगढ़ का जीना मुहाल हो गया है. शहरों में तो जैसे आतंक का साम्राज्य हो गया है. सरकार द्वारा ही सदन में दिए जवाब के अनुसार यहां प्रतिदिन 12 से अधिक बलात्कार के मामले दर्ज हो रहे हैं। शांति का टापू रहा छत्तीसगढ़ अपराध का गढ़ बन गया है।हत्या,लूट,डकैती, अपहरण, साम्प्रदायिक दंगों का स्थल बना दिया गया है शहरों को लैंड माफिया,सैंड माफिया, शराब माफिया,कोयला माफिया, दंगामाफिया,गांजा और अन्य मादक पदार्थ माफिया समेत हर तरह के माफियाओं के शिकंजे में है प्रदेश और न केवल इन्हें कांग्रेस का संरक्षण प्राप्त है बल्कि अनेक मामलों में तो सीधे ही कांग्रेस के लोग शामिल हैं।संरक्षित कोरवा, पंडो जनजातियों का अस्तित्व खतरे में : राष्ट्रपति के दतक पुत्र का संरक्षण प्राप्त कोरवा जनजाति की नाबालिग बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म और पिता-बहन समेत उनकी नृशंस हत्या जशपुर की बेटी को छः बार अलग-अलग लोगों के हाथ बेचना और आजिज़ आ कर सातवीं बार में अंततः युवती ने आत्महत्या कर ली.केशकाल में नाबालिग आदिवासी किशोरी 7-7 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म,कहीं से न्याय नहीं मिलने पर उसने आत्महत्या भी कर ली।किशोरी के पिता ने भी आत्महत्या की कोशिश की,तब मामला फूटा इससे पहले प्रदेश के सरगुजा संभाग के धरमजयगढ़ में कांग्रेस नेता और पूर्व जनपद सदस्य, कोल माफिया अमृत तिर्की द्वारा किये दुष्कर्म की बात हो,सुकमा, रायगढ़,बलरामपुर आदि की नृशंस घटना हो नर्रा,महासमुंद में हुए वारदात की बात हो या अन्य हज़ारों मामले,कहीं भी शासन के किसी जिम्मेदार व्यक्ति को फर्क नहीं पड़ा. सरगुजा संभाग में विशेष संरक्षित पंडो जनजाति के 50 से अधिक लोगों की रहस्यमय मौत पंडो जनजाति के लोगों की मौत भूख और कुपोषण की वजह से होती है। शासन के मंत्री ने संरक्षित जनजाति की ज़मीन हड़प ली थी,जिसे भाजपा के हस्तक्षेप से अंततः वापस की ऐसे कुचक्र लगातार रचे जा रहे हैं.सर से छत छीनने वाली कांग्रेस : मोदी द्वारा दिए 11 लाख गरीबों का घर छीना वादे में बावजूद राज्य के बजट से एक आवास किसी को नहीं दिया इस तरह लगभगज्ञ55 लाख लोगों को बेघर करने का पाप किया है कांग्रेस ने दुखद यह है कि इस विषय पर इनके सांसद सदन तक में झूठ बोल रहे हैं। साथ ही भूपेश बघेल का कहनाज्ञहै कि क्योंकि योजना में प्रधानमंत्री शब्द है इसलिए वे नहीं बनने देंगे मकान जबकि राजीव और इंदिरा गांधी के नाम पर चल रही योजनाओं को पैसे देंगे ये लेकिन प्रधानमंत्री पद से भी इन्हें नफरत है.बीस हज़ार से अधिक महिलाओं का रोजगार छीना : महिला स्व सहायता समूहों का कर्ज़ माफ़ करने का वादा करने वाली कांग्रेस ने इन्हें मिले रोजगार पर भी डाका डालने का काम किया है. रेडी टू ईट बनाने का काम इनसे छीन कर निजी कम्पनियों को दे दिया गया इसकी जितनी भर्त्सना की जाय,कम है 10 लाख युवाओं का हर साल भत्ता और रोज़गार हड़पा कर्ज से दबा छत्तीसगढ़ : कहां तो कर्ज माफी की बात थी उलटे इस सरकार ने पूरे छत्तीसगढ़ को ही कर्जदार बना दिया।मात्र तीन वर्ष में इसने 51 हज़ार करोड़ रूपये से अधिक का कर्ज़ ले लिया जबकि भाजपा के पंद्रह वर्ष में तमाम विकास कार्यों के बावजूद कर्ज़ इससे आधा भी नहीं था। कांग्रेस के कुप्रबंधन का हाल यह है कि इसे वेतन तक देने के लिए कर्ज़ लेना पड़ रहा है। नए विकास कार्यों की कौन कहे, भाजपा सरकार के समय में बने बनाए सड़कों की मरम्मत तक नहीं कर पा रही है कांग्रेसक्षजितने समय में एक्सप्रेस वे को तैयार कर लिया भाजपा ने,उससे अधिक समय में रिपेयर तक नहीं कर पायी कांग्रेस. 3300 करोड़ के जल जीवन मिशन कार्य में फिसड्डी. लोगों को साफ़ पानी नहीं. प्रदेश सरकार ने औसतन 1400 करोड़ रुपए हर माह,48 करोड़ रुपए हर दिन हर घंटे 2 करोड़ रुपए और हर मिनट 3 लाख रुपए तक कर्ज ले चुकी है।यह कुल राजस्व का 106 प्रतिशत है। यह बेहद ही चिंताजनक है कि प्रदेश की सरकार राजस्व की बढ़ोतरी के लिए कुछ भी नहीं कर रही है और पूरा प्रदेश कर्ज में डूबता जा रहा है।चावल घोटाला : मोदी जी की सरकार द्वारा दिए गए चावल में से लगभग 1500 करोड़ का चावल हड़प गयी।