राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन के आह्वान पर एल्यूमीनियम एम्पलाई यूनियन(एटक) के द्वारा केन्द्र सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक दिवसीय विरोध दिवस मनाया गया...
कोरबा/बालकों :- आजाद भारत के करोड़ों अन्नदाता भाई बहनों की ऐतिहासिक किसान आंदोलन का आज 26 नवंबर 2021 को पालक वर्षगांठ पूरे देश भर में जोशो खरोश के साथ मनाया जा रहा है जैसा की सर्वविदित है केंद्र सरकार के द्वारा बनाए गए तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में एवं कृषि उपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए गारंटी देने वाला कानून बनाने हेतु और बिजली बिल संशोधन 2020 को रद्द करने के लिए देशभर के किसान 26 नवंबर 2020 को दिल्ली के चारों तरफ डेरा जमाए थे जिसकी पहली वर्षगांठ बनाते वक्त किसान आंदोलन में माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु को चकनाचूर कर दिया उन्हें हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए तीनों कृषि काले कानूनों को वापस लेने की घोषणा 19 नवंबर 2021 को मजबूरी में करना कृषि बिल वापस लेने के घोषणा किए जाने के पूर्व मोदी सरकार उनके मंत्री तथा उनके समर्थक गोदी मीडिया अंध भक्तों द्वारा किसानों को आतंकवादी खालिस्तानी नक्सली माओवादी मवाली तथा नकली किसान के नाम से संबोधित किया जाता था

कहा जाता था कि तीनों कृषि कानून देश पर किसानों के व्यापक हित में है प्रधानमंत्री से यह बात पूछी जानी चाहिए कि जब या तीनों काले कृषि कानून देश और किसानों के व्यापक हित में है तो फिर आपके अनुसार मुट्ठी भर आंदोलन करने वाले किसानों के सामने झुकते हुए किसी भी क्यों वापस किए गए देश के मजदूर और किसानों की एकता रंग लाई है केंद्र सरकार के द्वारा मजदूर विरोधी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पुराने श्रम कानून को अपने मित्र मंडली कॉर्पोरेट के इशारे पर बदल कर कॉर्पोरेट की तैस फोर लेबर कोड एवं नई वेतन संहिता लेकर मजदूरों को आधुनिक गुलाम बनाने के घोर घिनौना कार्य किया है देश में सरकार चाहे किसी भी राजनीतिक दल का मजदूर और किसान एक साथ मिलकर वर्तमान शोषण के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष कर सत्ता में बैठने वाले लोगों के अहंकार को ध्वस्त कर दिया।

इस विरोध दिवस पर एल्युमिनियम एंप्लाइज यूनियन के साथियों ने किसानों की जीत पर मिठाई बांटकर खुशी मनाई । इस सभा में प्रदेश (एटक) के महासचिव कॉमरेड हरिनाथ सिंह, प्रदेश सचिव कॉ. एम एल रजक, एल्युमिनियम एंप्लाइज यूनियन (एटक) के महासचिव सुनील सिंह, सचिव कॉमरेड धर्मेंद्र तिवारी, कॉमरेड संतोष सिंह , मनीष नाग रामप्रसाद, महेंद्र ठाकुर आध्या दिवेदी ,मन्नूलाल लाठिया, रामायण यादव ,राजू बरेठ, संतोषी बरेठ, इंद्राणी श्रीवास, विजयलक्ष्मी चौहान, तवरेज अहमद, महेंद्र गढ़ेवाल, हीरालाल भगत साहू मोहम्मद शोएब अन्य सैकड़ों लोग उपस्थित होकर इस विरोध दिवस को सफल बनाया गया