कोयला उत्पादन कार्य पर लगी नागार्जुन कंपनी फिर विवादों में....
कोरबा (दीपका ) एसईसीएल के लिए नए वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 182 मिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य की घोषणा कर दी गई है ,और इसकी तैयारियों को लेकर टीम ने सरगर्मियाँ तेज़ कर दी है । इसी परिप्रेक्ष्य में एसईसीएल दीपका के न्यू सीएचपी और साइलो के संचालन का कार्यभार अब निजी कंपनी नागार्जुन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन के हाथों में है,शुरू से विवादित रही कंपनी एक बार फिर सुर्खियां बटोर रही है

दरसल ताजा मामला एचपीसी वेजेस को लेकर तथा पीएफ को लेकर है| मजदूरों ने गंभीर आरोप लगाते हुए नागार्जुन कंपनी के *एमडी नागार्जुन रेड्डी* तथा साइट इंचार्ज वेंकटेश्वर राव को इस मामले में घेरा है| मजदूरों ने आरोप लगाया कि महीने में 30 ड्यूटी करने के बाद भी मुश्किल से उसके खाते में 10 से ₹12 हजार ही जमा हो रहे हैं जबकि नियमानुसार एचपीसी वेजेस से 24 से 25 हजार मजदूरों के खाते में जमा होना चाहिए | साथ ही मजदूरों ने पीएफ को लेकर भी गंभीर चिंता जताई है एक मजदूर से बात करने पर पता चला की उसके 30 दिन ड्यूटी करने के बावजूद उसके पीएफ अकाउंट में केवल 1200 रुपए ही जमा हुए हैं एवं अभी तक दिसंबर महीने का लगभग 110 लोगों का ईपीएफ जमा नही किया है| कुछ मजदूरों से बात करने पर कहा की वह जल्द ही आरटीआई लगाकर प्राप्त जानकारी को लेकर लेबर कोर्ट जाएंगे और वहां अपनी समस्याओं को रखकर शासन प्रशासन को इस मामले से अवगत कराएंगे|

इस प्रकार नागार्जुन इंजीनियरिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी मजदूरों के प्रति शोषणात्मक रवैया अपना रही है| चालू वित्त वर्ष में एसईसीएल दीपका प्रोजेक्ट को 38 मिलियन टन कोयले का प्रोडक्शन करना है|अब देखना यह होगा कि मजदूरों के प्रति इस प्रकार का शोषणात्मक रवैया अपनाकर नागार्जुन कंपनी कोयला उत्पादन में अपनी किस प्रकार भूमिका निभाती है|